शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के ओएसडी मामराज पुंडीर के खिलाफ राजकीय अध्यापक संघ ने मोर्चा खोल दिया है। शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, महासचिव नरेश महाजन, मुख्य प्रेस सचिव कैलाश ठाकुर, वित्त सचिव मुकेश शर्मा सहित कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों ने ओएसडी के चयन पर आपत्ति जताई है।
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि शिक्षा मंत्री स्वयं नेक इंसान हैं, लेकिन ओएसडी उन्हें गुमराह कर रहे हैं। एक शिक्षक संघ से जुड़े पदाधिकारी को ओएसडी लगना तर्कसंगत नहीं है।
अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने आरोप लगाया है कि ओएसडी मामराज पुंडीर द्वारा सचिवालय में राजकीय अध्यापक संघ की महिला पदाधिकारियों और सदस्यों को धमकाने और उन्हें संगठन छोड़कर उनके संगठन में शामिल करने को बाध्य किया गया है।
ये है विरोध का कारण
शिक्षक हितैशी होने के बजाय ओएसडी उलटा शिक्षकों के लिए कड़े नियम बनाने पर आतुर हैं। यही वजह है कि पहली बार किसी शिक्षक एवं शिक्षक नेता को ओएसडी बनाने के बाद सभी कर्मचारियों को पीछे छोड़ शिक्षकों के लिए ही तबादला नीति एक एक्ट के तौर पर अलग से बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि ओएसडी इस नीति का विरोध करते। अध्यक्ष ने कहा कि यदि केवल तबादला एक्ट बनाने मात्र से शिक्षा का स्तर सुधर सकता है और इसी वजह से शिक्षा में गुणवत्ता और बच्चों की संख्या घटी है तो सरकार का निर्णय तर्क संगत हो सकता है लेकिन संघ के अनुसार शिक्षा गुणवत्ता में आई कमी के लिए शिक्षक जिम्मेवार नहीं है।
इसके लिए सरकार की नीतियां जिम्मेवार हैं। उन्होंने कहा कि ओएसडी की कार्य प्रणाली को लेकर लेकर ही मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मुलाकात की जाएगी। उधर, शिक्षा मंत्री के ओएसडी मामराज पुंडीर का कहना है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप आधारहीन हैं। न तो वीरेंद्र चौहान और न ही उनके संगठन के किसी पदाधिकारी या सदस्य से उनकी कभी बात हुई है।