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Saturday, July 27, 2024
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विस सत्रः प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भर्ती सवालों के घेरे में

प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड में वर्ष 2015 में हुई 71 पदों की भर्ती सवालों के घेरे में आ गई है। प्रश्नकाल में भटियात से भाजपा विधायक विक्रम जरियाल ने इन पदों को भरने के लिए बोर्ड पर नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सवाल के जवाब में कहा कि जब भर्तियां हमीरपुर चयन बोर्ड के माध्यम से हो रही हैं, तो बोर्ड ने इन भर्तियों की लिखित परीक्षा का जिम्मा विश्वविद्यालय को क्यों सौंपा?

उन्होंने विधायक को सिहुंता क्षेत्र में हुए तीन भर्तियों के मामले में भी बोर्ड से जानकारी हासिल करने की बात कही। जरयाल ने बोर्ड में हुई भर्तियों की सरकार से जांच की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड में भर्ती नियमों की परिधि में होनी चाहिए थी, जो नहीं हुई।

भर्ती में जो प्रक्रिया अपनाई गई, उसको लेकर शक

उन्होंने कहा कि भर्ती में जो प्रक्रिया अपनाई गई है, उसमें शक हो रहा है। सीएम ने कहा कि 25 जुलाई 2013 को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक बैठक होती है। इसमें 71 पदों को भरने को मंजूरी दी गई।

पहले यह निर्णय लिया गया कि  द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी, जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के इन पदों को बोर्ड अपने स्तर पर ही भरेगा। इसके बाद बोर्ड ने इन भर्तियों को विश्वविद्यालय के माध्यम से करवाने का निर्णय लिया।

बाकायदा इसके लिए विश्वविद्यालय को 25 लाख रुपये की राशि दी गई। लिखित परीक्षा में 12,282 लोगों ने आवेदन किया। 22 सितंबर 2015 को उक्त पदों के लिए उम्मीदवारों का अंतिम सिलेक्शन किया गया।

ग्रीन हाउस सब्सिडी की होगी जांच

ग्रीन हाउस लगाने और सब्सिडी में फर्जीवाड़े के आरोपों पर सरकार ने जांच बैठाने का निर्णय लिया है। श्रीनैना देवी के विधायक रामलाल ठाकुर ने इस मुद्दे को प्रश्नकाल में उठाया कि जिला बिलासपुर में कुछ किसानों ने सब्सिडी का पैसा लेने के चक्कर में ग्रीन हाउस बना डाले लेकिन एक साल बाद उन्हें बेच दिया।

नियमानुसार ऐसा नहीं किया जा सकता है। कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने सब्सिडी और बिक्री की जांच करवाने का आश्वासन सदन को दिया। विधायक राम लाल ठाकुर ने कहा कि ग्रीन हाउस में 85 फीसदी सब्सिडी के लिए जिला के कई किसानों ने अपनी पहुंच के चलते इन्हें खेतों में लगाया।

ग्रीन हाउस लगाने का जैसे ही पैसा ऐसे किसानों के बैंक खाते में आया तो उन्होंने उसे बेच दिया। इस सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि इसकी सूचना सरकार को दें। सरकार किसी भी सूरत में दोषियों को नहीं छोड़ेगी।

अगर विभाग के अधिकारियों की भी इसमें संलिप्ता पाई जाती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। इससे पहले मंत्री ने कहा कि गत तीन सालों में जिला बिलासपुर में 157 ग्रीन हाउस लगाए गए हैं, जिन

पर 85 प्रतिशत अनुदान दिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 से पहले ग्रीन हाउस पर 80 फ ीसदी सब्सिडी हुआ करती थी लेकिन अब किसानों को 85 फ ीसदी अनुदान दिया जा रहा है।

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