asd
Saturday, July 27, 2024
to day news in chandigarh
Homeeye1specialयौन शोषण केस में जोधपुर कोर्ट ने बुधवार को आसाराम को उम्रकैद...

यौन शोषण केस में जोधपुर कोर्ट ने बुधवार को आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई।

आई 1 न्यूज़ जोधपुर 25 अप्रैल 2018  यौन शोषण केस में जोधपुर कोर्ट ने बुधवार को आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई। मामले में बाकी दो दोषियों को 20-20 साल की सजा दी गई है। जोधपुर केंद्रीय कारागार परिसर में जज मधुसूदन शर्मा ने सभी दोषियों को यह सजा सुनाई।  जोधपुर की कोर्ट ने आश्रम में नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिए गए आसाराम को उम्रकैद की और अन्य दो दोषियों को 20-20 साल कैद की सजा सुनाई गई है। जोधपुर कोर्ट में आज इस मामले में आसाराम समेत 3 लोगों को दोषी करार दिया गया और दो आरोपियों को बरी कर दिया गया।जिस मामले में आसाराम को दोषी ठहराया गया है वह मामला 2013 का है। 31 अगस्‍त 2013 को आसाराम को जोधपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जोधपुर कोर्ट के फैसले से बौखलाकर कहीं आसाराम समर्थक उपद्रव न करें, इसके लिए कई राज्यों सुरक्षा व्‍यवस्‍था के कड़े उपाय किए गए थे। बहरहाल, जिस आसाराम का जिक्र पिछले पांच वर्षों में बार-बार होता रहा है वह आखिर आया कहां, आखिर कौन है ये आसाराम और क्‍या है इसका असली नाम। ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो आपके जहन में भी कई बार उठे होंगे, लेकिन आपको इनका जवाब नहीं मिला होगा। आज हम आपको इन सवालों का जवाब देंगे। स्‍वयंभू घोषित आध्‍यात्मिक गुरु आसाराम का असली नाम असुमल थाउमल हरपलानी है। वह मूल रूप से पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत से ताल्‍लुक रखता है। जिस वक्‍त देश का बंटवारा हुआ और पाकिस्‍तान एक स्‍वतंत्र राष्‍ट्र के तौर पर सामने आया उस वक्‍त उसका परिवार वहां से भारत में गुजरात आ गया था। यहां पर उसके परिवार ने अहमदाबाद को अपना नया घर बनाया। कहा तो ये भी जाता है कि आसाराम के पिता लकड़ी और कोयले के कारोबारी थे।
तीसरी तक की है पढ़ाई आसाराम ने अपनी बायोग्राफी में तीसरी क्‍लास तक पढ़ाई करने की बात कही है। आधयात्मिक गुरू बनने से पहले उसने जीवनयापन के लिए कभी तांगा चलाया तो कभी चाय बेची। 15 वर्ष की आयु में उसने अपना घर छोड़ दिया और गुजरात के भरुच स्थित एक आश्रम में आ गया। यहां से ही उसका दूसरा जीवन शुरू हुआ। यहां पर उसने आध्यात्मिक गुरु लीलाशाह नाम से दीक्षा ली। कहा जाता है कि इससे पहले उसने साधना भी की। दीक्षा के बाद लीलाशाह ने ही उसका नाम आसाराम बापू रखा था।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments