इक्डोल से की गई डिग्री और डिप्लोमा अब रेगुलर के बराबर होगा। यूजीसी ने इसकी नई अधिसूचना जारी की है। इससे हजारों छात्रों को राहत मिलेगी। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने दूरवर्ती मोड (ओडीएल) संस्थानों से प्राप्त की गई डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स को रेगुलर मोड से किए कोर्स के समकक्ष
मान्यता देने को लेकर अधिसूचना जारी की है। इसमें साफ किया है कि दूरवर्ती मोड से कोर्स करने वाले उम्मीदवार भी रेगुलर मोड से डिग्री प्राप्त उम्मीदवारों की तरह किसी भी तरह की भर्ती, पदोन्नति के लिए पात्र होंगे।
यूजीसी की इस अधिसूचना से विवि के अंतरराष्ट्रीय दूरवर्ती शिक्षा एवं मुक्त अध्ययन केंद्र (इक्डोल) से डिग्री प्राप्त और वर्तमान में अलग-अलग कोर्स में अध्ययनरत हजारों छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिली है। अधिसूचना में साफ किया है कि ओपन डिस्टेंस एजूकेशन सिस्टम वर्तमान में उच्च शिक्षा के प्रचार-प्रसार और उसे बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहा है।
विद्यार्थियों को मिलेगा ये फायदा
रेगुलर और दूरवर्ती मोड से प्राप्त डिग्री की मान्यता में फर्क रहने से दूरवर्ती मोड से शिक्षा प्राप्त छात्रों के साथ अन्याय न हो, इसके लिए दोनों मोड से प्राप्त डिग्री को एक समान मान्यता दी गई है।
यूजीसी की ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग रेगुलेशन -2017 में पहले ही साफ किया है कि इंजीनियरिंग, मेडिसिन, डेंटल, फार्मेसी नर्सिंग, आर्किटेक्चर, साइकोथैरेपी जैसे कोर्स जिसमें हेंड ऑन ट्रेनिंग जरूरी होती है, उन्हें दूरवर्ती मोड से नहीं पढ़ाया जा सकता है।
इक्डोल के निदेशक प्रो. पीके वेद ने माना कि 23 फरवरी को यूजीसी ने दोनों मोड से प्राप्त डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स को समकक्ष आंकने की अधिसूचना जारी की है।
अधिसूचना जारी होने के बाद इक्डोल से अब तक डिग्री, डिप्लोमा प्राप्त और वर्तमान में अध्ययनरत हजारों छात्र-छात्राओं को इसका लाभ होगा। वे किसी भी सरकारी और गैर सरकारी, निजी संस्थाओं में इक्डोल से प्राप्त डिग्री के आधार पर नौकरी और आगे की पढ़ाई के लिए प्रवेश लेने के लिए पात्रता शर्त पूरी करेंगे।
उनका कहना है कि दूरवर्ती मोड को आम तौर पर दूसरे दर्जे की डिग्री माना जाता था, मगर अधिसूचना जारी होने के बाद छात्र भी हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए इक्डोल की डिग्री के आधार पर आवेदन कर सकेंगे।