आई 1न्यूज़ :संदीप कश्यप
31जनवरी 2018
प्रदेश के निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डाॅ. बलदेव ठाकुर ने चिकित्सकों को निर्देश दिए हैं कि वे रोगियों को आवश्यक दवा सूची में उपलब्ध दवाएं तथा जेनेरिक दवाएं ही लिखें ताकि निर्धन रोगियों को भी कम व्यय कर श्रेष्ठ उपचार उपलब्ध हो सके। डाॅ. बलदेव ठाकुर आज यहां सोलन, शिमला तथा सिरमौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों एवं अन्य चिकित्सकों की इस सम्बन्ध में आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे।
डाॅ. बलदेव ठाकुर ने कहा कि रोगियों को ब्राडेंड नाम की दवाएं न लिखकर आवश्यक दवा सूची में उपलब्ध दवाएं ही लिखी जाएं। उन्होंने कहा कि यदि किसी बीमारी के लिए विशेष सम्मिश्रित दवा आवश्यक है तो विभाग पत्राचार के उपरान्त इस दवा को भी आवश्यक दवा सूची में शामिल करेगा। उन्होंने कहा कि रोगियोे को अस्पतालों से ही दवा उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
चिकित्सा निदेशक ने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश के अस्पतालों में दवा क्रय के लिए दवा एवं टीका वितरण प्रणाली आरम्भ की गई है। यह इंटरनेट आधारित दवा आपूर्ति प्रणाली है। उन्होंने चिकित्सकों को निर्देश दिए कि अस्पतालों मंे दवा खरीद इसी प्रणाली के तहत सुनिश्चित बनाई जाए। इस प्रणाली के अन्तर्गत दवा उपलब्धतता, दवा की कमी, एक्सपायरी एवं गुणवता इत्यादि की सूचना का निरन्तर अनुश्रवण भी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए चिकित्सा अधिकारियों के सुझाव सदैव आमंत्रित हैं।
कार्यशाला में उप निदेशक स्वास्थ्य डाॅ. गोपाल बैरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन, डाॅ. आर.के दरोच, वरिष्ठ विधि अधिकारी डाॅ. अंकिता वर्मा ने विषय के सम्बन्ध में प्रस्तुति दी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला डाॅ. धीरज मित्तल, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. राजन उप्पल, खण्ड चिकित्सा अधिकारी सायरी डाॅ. एस.एल वर्मा, खण्ड चिकित्सा अधिकारी नालागढ़ डाॅ. के.डी. जस्सल, खण्ड चिकित्सा अधिकारी अर्की डाॅ. तारा चन्द, खण्ड चिकित्सा अधिकारी धर्मपुर डाॅ. अल्पना, खण्ड चिकित्सा अधिकारी संगड़ाह (जिला सिरमौर) डाॅ. सन्दीप शर्मा तथा अन्य चिकित्सक कार्यशला में उपस्थित थे।