बैठक में संगड़ाह के एसडीएम राजेंद्र सिंह, जिला खनन अधिकारी सुरेश भारद्वाज, अरावली फेगमिल कंपनी के उप महाप्रबंधक डीके अरोड़ा, सह महाप्रबंधक आरएस राठौर, तहसीलदार नौहराधार गौतम नेगी के अलावा वन, आईपीएच, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। इस मौके पर टीम ने चिन्हित स्थान का जायजा लिया।
इसके बाद नौहराधार में भू-मालिकों व स्थानीय ग्रामीणों से भी कारखाना स्थापित करने के मसले पर विस्तार से चर्चा की। कंपनी के उप महाप्रबंधक डीके अरोड़ा ने विस्थापन, पर्यावरण, अधिग्रहण व रोजगार के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जो मशीनें प्लांट में लगेंगी, वह जापान व डेनमार्क की हाई टेक्नोलॉजी मशीनें होंगी। उन्होंने साफ किया कि नौहराधार क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता का पूरा ध्यान रखा जाएगा। भूमि मालिकों की जो जमीन अधिग्रहण की जाएगी, वह केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण के नियमानुसार ही होगी।
उन्होंने बताया कि यह भारत का दूसरा प्लांट होगा। यहां से पूरे नॉर्थ इंडिया को व्हाइट सीमेंट सप्लाई होगा। प्रतिदिन यहां से एक हजार टन सीमेंट तैयार व सप्लाई करने की क्षमता होगी। यह प्लांट 500 से 800 करोड़ के करीब बनकर तैयार होगा और करीब 108 हेक्टेयर भूमि पर स्थापित होगा।
इस प्लांट से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 1250 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें 80 फीसदी स्थानीय लोगों को ही रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस मौके पर ग्रामीणों ने पहले से स्थापित सीमेंट प्लांट का मुआयना करने के लिए अपनी हामी भरी। वहीं, कंपनी के अधिकारियों ने भी लोगो को व्हाइट सीमेंट प्लांट पर ले जाने की बात स्वीकार की।
नौहराधार के विकास पर खर्च होगा दो फीसद लाभांश
कंपनी के अधिकारियों ने साफ किया कि कंपनी का दो फीसद लाभांश नौहराधार के विकास पर ही खर्च किया जाएगा। इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन के तहत लाभांश प्रतिवर्ष सात फीसदी क्षेत्र के विकास पर खर्च किया जाएगा।