स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वीरवार को अंधेरी में चल रहे एक क्लीनिक पर छापेमारी की। इस दौरान टीम ने निजी क्लीनिक का सारा रिकॉर्ड जब्त कर लिया। सीएससी संगड़ाह के प्रभारी डॉ. अक्षित की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग की एक टीम सुबह करीब 10 बजे अंधेरी पहुंचकर अली क्लीनिक पर दबिश दी। इस दौरान विभाग की टीम ने क्लीनिक के सारे दस्तावेज सीज कर दिए। विभाग को क्लीनिक से जो दस्तावेज मिले हैं उनकी गहनता से छानबीन करवाई जाएगी।
गौैरतलब है कि चिकित्सक के पास इलाज को पहुंची एक बच्ची का अंगूठा ही काट दिया था। इसके बाद बच्ची को संक्रमण के डर से संगड़ाह अस्पताल में दाखिल करना पड़ा। अमर उजाला ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है। वीरवार को सुबह ही कथित क्लीनिक पर छापा मारा गया।
जांच के दौरान स्वास्थ्य विभाग सबसे पहले यह पता लगाएगी कि संबंधित चिकित्सक ने क्लीनिक चलाने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) से अनुमति ली है या नहीं। साथ ही इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि उसके पास क्या क्लीनिक चलाने का लाइसेंस है। लाइसेंस कब बना था और कब तक वैध था। इसकी भी गहनता से जांच की जाएगी।
इस बारे में बीएमओ संगड़ाह संदीप शर्मा ने बताया कि सीएचसी प्रभारी डॉ. अक्षित की अगुवाई में टीम को अंधेरी भेजा था। टीम ने क्लीनिक पर छापेमारी करके सारे दस्तावेज कब्जे में ले लिए हैं। उन्होंने बताया कि जांच का कार्य तेजी से किया जा रहा है। चार पांच दिनों के भीतर ही जांच का कार्य पूरा कर दिया जाएगा।
ऑपरेशन के बाद खुली विभाग की गहरी नींद
अंधेरी में चल रहे निजी क्लीनिक में बीते दो दिन पहले ही एक बच्ची के अंगूठे को काटे जाने का मामला सामने आया था। बता दें कि सेंज पंचायत के टुवेरी गांव की बच्ची का हाथ का अंगूठा दरवाजे की चपेट में आ गया था। परिजन बच्ची को जब इलाज के लिए इस क्लीनिक में ले आए तो इस क्लीनिक के तथाकथित डॉक्टर ने बच्ची का अंगूठा काट दिया। इससे पहले भी इस क्लीनिक में एक व्यक्ति के पैर का ऑपरेशन किया जा चुका है। धमास गांव के चेतराम के पैर के ऑपरेशन के बाद संक्रमण हो गया था। इसके कारण चेतराम को अपना पैर गवाना पड़ा था।