![कहीं राहत, कहीं आफत की बारिश](https://www.jagranimages.com/images/22_03_2018-rain-in-himachal.jpg)
नाहन जिला के सैनधार क्षेत्र के चरपड़ी में बुधवार सुबह बिजली गिरने से ज्ञान दत्त (50) निवासी मथानन की मौत हो गई। वह राजगढ़-नाहन मार्ग पर चरपड़ी में दूध देने के लिए बस का इंतजार कर रहा था। इस दौरान उसका बेटा भी साथ था जिसे हल्की चोटें आई हैं। घायल युवक का नाहन मेडिकल कॉलेज में उपचार चल रहा है।
शिमला सहित राज्य के अन्य हिस्सों में तेज हवा के साथ मंगलवार रात ही बूंदाबांदी शुरू हो गई थी जो बुधवार को दिनभर जारी रही। इससे प्रदेशभर में फिर शीत लहर का प्रकोप बढ़ गया है। कुछ हिस्सा में भारी बारिश और ओलावृष्टि भी हुई। सबसे अधिक डलहौजी में 18 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है।
कुल्लू जिला के रोहतांग, लाहुल-स्पीति, मंडी जिला के शिकारी देवी व कमरूनाग, चंबा जिला के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी हुई। मौसम विभाग की मानें तो 27 मार्च को मौसम पूरी तरह साफ हो जाएगा। 24 घंटों के दौरान प्रदेश के अधिकतम तापमान में पांच से सात डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की कमी आई है।
बुधवार को प्रदेश का अधिकतम तापमान ऊना में 26.8 व न्यूनतम तापमान कल्पा में माइनस 0.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। उधर, बारिश व बर्फबारी से गुठलीदार फलों की फ्लावरिंग प्रभावित हुई है। शिमला के बल्देयां, मशोबरा, कुफरी आदि क्षेत्रों में आडू, बादाम, नाशपाती व पलम के बगीचों में ओलावृष्टि से नुकसान पहुंचा है। वहीं, प्रदेश के सेब बाहुल क्षेत्रों में बारिश वरदान साबित हुई है। यदि अब धूप खिलती है तो सेब के पौधों में अच्छी फ्लावरिंग होगी। बागवानी विशेषज्ञ जगदीश वर्मा ने बताया कि गुठलीदार फलों के पौधों की फ्लावरिंग के दौरान यदि ज्यादा दिन तक बारिश और ठंड रही तो पॉलीनेशन ठीक से नहीं हो पाती है जिससे उत्पादन घट सकता है। बारिश से बगीचों को अच्छी नमी मिली है।