किसानों को अब सब्सिडी के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। किसानों को बिना इंतजार किए सब्सिडी का लाभ मिलेगा। घरेलू गैस उपभोक्ताओं की तर्ज पर अब खाद की सब्सिडी भी सीधे किसानों के खातों में ही आएगी।
किसानों को यह सुविधा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के तहत मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। पूरे प्रदेश में यह योजना एक फरवरी से शुरू हो जाएगी। योजना का शुभारंभ जिला चंबा से कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा करेंगे।
योजना के तहत खाद बेचने वाले डिपो संचालकों को पीओएस मशीन रखनी होगी। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। योजना के कार्यान्वयन के बाद यदि कोई डिपो संचालक स्कीम के तहत कार्य नहीं करता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
ऐसे रूकेगी खाद की कालाबाजारी
साथ ही उन्हें खाद व अन्य सामग्री बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। पीओएस के प्रयोग से सभी कार्य पूर्ण रूप से रसीद पर आधारित होंगे। इससे खाद की कालाबाजारी भी रुकेगी। इस व्यवस्था से यह भी पता चल पाएगा कि किस किसान ने कितनी खाद की।
योजना के तहत ऑनलाइन पंजीकरण करवाने के लिए किसान को अपने दस्तावेज की कॉपी व आधार कार्ड नंबर जमा करवाना होगा। इससे किसान का जमीन पर मालिकाना हक का पता चल पाएगा। इसके अलावा योजना के तहत दो दिनों के भीतर सब्सिडी किसानों के खातों में पहुंचेंगी।
गौरतलब है कि इससे पहले पूर्व कांग्रेस सरकार ने बेरोजगारी भत्ता योजना का शुभारंभ 15 अप्रैल को ऐतिहासिक चौगान से शुभारंभ किया था। पिछले एक साल में यह दूसरा मौका है, जब किसी योजना का चंबा से शुभारंभ होगा।
कृषि विभाग के उपनिदेशक धर्म चंद डोगरा ने इसकी पुष्टि की है। कहा कि एक फरवरी से पूरे राज्य में डीबीटी योजना शुरू होगी। इसके तहत किसानों को खाद की सब्सिडी मिलेगी।