प्रशासनिक प्राधिकरण अध्यक्ष न्यायमूर्ति वीके शर्मा ने इस प्रार्थी को पेंशन नियमों के तहत करुणामूलक भत्ता दिए जाने बाबत विचार करने के लिए परिवहन निगम को 3 माह का समय दिया है। प्रार्थी परिवहन निगम में क्लीनर कम कंडक्टर के पद पर वर्ष 1971 में नियुक्त किया गया था। बाद में उसे सहायक स्टोर कीपर के पद पर पदोन्नत किया गया।
उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के बाद 29 मार्च 1993 को सेवाओं से बर्खास्त कर दिया था। प्रार्थी ने इसके खिलाफ सक्षम अधिकारी के पास अपील दायर की थी। इसे स्वीकार करते हुए सहानुभूतिपूर्वक उसे 9 अगस्त 2010 से पेंशन देने के आदेशों के अलावा छुट्टियों के पैसे देने के आदेश पारित किए थे, लेकिन
यह लाभ न दिए जाने के कारण प्रार्थी ने ट्रिब्यूनल के समक्ष गुहार लगाई थी। पेंशन योजना के तहत लाभ केवल वर्ष 1995 के बाद ही संभव था। इस कारण प्राधिकरण ने इन सभी तथ्यों के तहत यह निर्णय पारित किया।
सेवानिवृत्ति लाभ ब्याज सहित देने के आदेश
