ब्यूरो रिपोर्ट :7 फ़रवरी 2018
प्रदेश में टीबी के मरीजों को घर-घर जाकर ढूंढा जाएगा। वर्ष 2021 तक हिमाचल को टीबी रोगमुक्त करने का लक्ष्य तय किया गया है। राज्य सरकार ने इसके लिए मुख्यमंत्री क्षय रोग नियंत्रण योजना (एमएमकेआरएनवाई) की अधिसूचना जारी कर इसे लागू कर दिया है।
प्रदेश सरकार ने इसके लिए फिलहाल दो करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के कार्यक्रम संशोधित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) से अलग चलेगा।
प्रधान सचिव स्वास्थ्य प्रबोध सक्सेना की ओर से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक प्रदेश में मुख्य मंत्री क्षय रोग निवारण योजना को लागू कर दिया गया है। इस योजना के मुताबिक वर्ष 2021 तक पूरे प्रदेश को टीबी रोग से मुक्त करना है।
इसके लिए डिटेक्ट-थ्रेट-प्रीवेंट-बिल्ड मोड के तहत काम होगा। इसके लिए डोर-टू-डोर कार्यक्रम के तहत हर घर-द्वार पर जाकर टीबी के रोगियों को खोजा जाएगा और उनका इलाज होगा। इसके लिए वित्तीय प्रावधान किया गया है और साथ ही केंद्र सरकार के संशोधित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम में भी इसके लिए सहायता ली जा रही है।