ब्यूरो रिपोर्ट : 01 Feb 2018
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद केंद्रीय बजट से हिमाचल को खासी उम्मीदें हैं। जीएसटी लागू होने के बाद प्रदेश को होने वाले नुकसान की भरपाई से लेकर राज्य केंद्र में निहित कई तरह की शक्तियों में विशेष राहत चाहता है। प्रदेश की 50 मेगावाट तक की जलविद्युत परियोजनाओं के लिए अनिवार्य वन एवं पर्यावरण की अनापत्ति से छूट चाहिए।
राज्य बिजली की बिक्री से होने वाली आय में सर्विस टैक्स से छूट भी चाहती है। विकास योजनाओं के आड़े आ रहे वन भूमि से संबंधित नियमों में कुछ रियायत की मांग केंद्र से की है। अभी तक सरकार केवल 1 हेक्टेयर तक की अनुमति खुद दे सकती है, जिसे 10 हेक्टेयर किए जाने का सुझाव केंद्रीय वित्त मंत्रालय को दिया है।
सरकार ने प्रदेश में ढांचागत विकास के लिए बड़े एयरपोर्ट, नई रेललाइनों, हेली टैक्सी चलाने में मदद के साथ उद्योगों के लिए 100 प्रतिशत कर में छूट देने का प्रस्ताव भी दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के वर्ष 2018-19 के बजट को लेकर राज्य सरकार ने 18 बिंदुओं पर मांग रखी है।
मोदी सरकार से हिमाचल को यह मिला
