आरोपियों में लीलाधर , प्रताप सिंह और प्रेम बहादुर शामिल है। जेल प्रशासन को फरारी का पता सुबह सवा चार बजे लगा। आरोपियों की तलाश की जा रही है। जेल प्रशासन ने डयूटी पर तैनात दो संतरियों को निलबिंत कर दिया गया है और विभागीय जांच बिठा दी गई है। विचाराधीन कैदियों की फरारी ने जेल प्रशासन के साथ साथ पुलिस महकमे को भी सकते में डाल दिया है।
कंडा जेल के भीतर से किसी कैदी के भाग जाने का यह पहला मामला सामने आया है। पेशी पर कैदियों को ले जाते हुए कैदी के फरार होने के मामले तो सामने आते रहे हैं लेकिन अति सुरक्षित समझी जाने वाली कंडा जेल से फरारी के मामले ने जेल प्रशासन के पुख्ता सुरक्षा इंतजाम की पोल खोल कर रख दी है।
मान भी लिया जाए कि जिस समय वे ब्लेड से सरिया काट रहे थे तो इसकी आवाज साथी कैदियों को नहीं सुनाई दी, क्योंकि सभी गहरी नींद में थे। इसके पीछे पुलिस का यह तर्क है कि सरिये को काटने से पहले कैदियों ने उस पर साबुन लगा दिया था, ताकि कोई आवाज न आए। सरिया काटकर बैरक से बाहर निकल गए और वह भी कंबल लेकर।