- आई 1 न्यूज़ : संदीप कश्यप
जिला सिरमौर और शिमला के हजारो लोगो के अराध्य शिरगुल देवता का प्राचीन मंदिर शाया जो 13 नबम्बर 2013 की रात प्राचीन मूर्तियों सहित भीषण अग्निकांड में जलकर ख़ाक हो गया था के नये मंदिर की निर्माण प्रक्रिया आरम्भ हो गयी है |
गौर रहे कि शिरगुल महाराज के शाया स्थित मंदिर में वर्ष भर विशेषकर चार साजी और हर माह की स्क्रांती को लोगो की खासी भीड़ रहती है और नये मंदिर का कार्य आरम्भ न होने के कारण लोगो में निराशा थी | मंदिर पर अधिपत्य को लेकर लगभग 4 वर्ष के लम्बे विवाद के बाद नए मंदिर की निर्माण प्रक्रिया आरम्भ हो गयी है | यह प्रक्रिया नोतवीन के सहयोग से आरम्भ की गयी है और सबसे पहले जहाँ मंदिर मिर्माण किया जाना है उस स्थान को शुद्ध किया गया | शुददीकरण का कार्य चानणा गाँव के देव कार्य विशेषग्य “ पावुच “ ब्राह्मणों प० हरिदत शर्मा , अंशुल शर्मा , बलवंत शर्मा तथा जगतराम शर्मा ने विधिविधान द्वारा सम्पन्न किया | शिरगुल देवता के देवकार्य प्रमुख रणवीर सिंह ने बताया कि स्थान की शुद्दी के साथ ही मंदिर निर्माण सामग्री तैयार करने का कार्य भी आरम्भ कर दिया गया है जो कि काष्ठशिल्प से तैयार की जा रही है और कार्य युद्स्तर पर किया जाएगा | यह कार्य श्वाईक खानदान के कारीगर सोमदत्त श्वाईक के नेतृत्व में किया जा रहा है | इस कार्य के लिए सेंकडो देवदार के पेड़ लगेंगे जिनमे से थाणाधार व् भुईरा के लोगो ने 28 देवदार के पेड़ो का दान कर शुभारम्भ कर दिया है जो कि पहले भी राजगढ़ , पाँव , सियाना आदी कई मंदिरों के लिए देवदार के पेड़ दान कर चुके है | मंदिर में इस्तेमाल होने वाला पत्थर मंडी से लाया जाना है | अध्यक्ष रणवीर सिंह ने बताया कि भाषा एंव संस्कृती विभाग ने मंदिर निर्माण के लिए 38 लाख प्रदान कर दिए है लेकिन कार्य को सम्पन करने तक डेढ़-दो करोड़ की राशी की आवश्यकता होगी | उधर मंदिर निर्माण आरम्भ होने से क्षेत्र के लोगो में खुशी की लहर है |