ऑय 1 न्यूज़ ब्यूरो रिपोट चंडीगढ़: ग्रीन ग्रोथ एंड फ्यूचर जॉब विषय पर भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा इंडियन ग्रीन बिल्डिंग तथा स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स के साथ मिलकर सम्मेलन का आयोजन किया । स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स के सीईओ डा. प्रवीण सक्सेना ने कहा कि स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स और पंजाब एनर्जी डेवेलपमेंट एजेंसी (पीईडीए) मिलकर पंजाब में सेंटर फॉर एक्सीलेंस स्थापित करेंगे। इसकेमामध्यम से ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में १५ लाख ग्रीन जॉब्स पैदा करेगा। अभी वर्तमान में इस प्रकार रूपरेखाएं तैयार की जा रही हैं कि इस क्षेत्र के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कौशल प्रदान किा जाए और सरकार से प्रमाणन दिया जाए। अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर सरकार के प्रमाणीकरण से युवाओं को दुनिया में कहीं भी काम मिल सकेगा। गोइंग ग्रीन नौकरी के लिए बड़े अवसरों और नए रास्ते बनाने वाला बहु मिलियन डॉलर का उद्योग है। देश को सौर ऊर्जा, बायोमास और पवन ऊर्जा के माध्यम से १२०००० मेगावाट की ग्रीन ऊर्जा जोडऩे की जरूरत है। इससे न केवल पर्यावरण पर बोझ कम होगा बल्कि अगले १० वर्षों में युवा जनशक्ति की ६५ प्रतिशत आबादी कौशल के साथ रोजगार के लिए तैयार होगी। राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद जल, अपशिष्ट प्रबंधन, परिवहन जैसे क्षेत्रों पर काम कर रहा है। परिषद कौशल प्रथाओं के मानकीकरण और अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ उन्हें संरेखित करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को दुनिया में कहीं भी अपने कौशल का उपयोग करने के लिए सरकार द्वारा प्रमाणन दिया जाएगा।
राष्ट्रीय कौशल परिषद ग्रीन जॉब्स और जेएस रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके तहत जेएस रिन्यूएबल के २०० कर्मचारियों को परिषद द्वारा प्रशिक्षित करना है।
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के एजुकेशन लीडर एंड पॉलिसी स्टडी कंसल्टेंट-स्टैंडर्ड डा. सबीना मैथ्यास ने कहा पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को अपनाने के साथ औद्योगिक पर्यावरण व्यवस्था बदल रही है। इसके लिए कौशल की जरूरतों को पूरा करने के लिए श्रमिकों को प्रशिक्षण और कौशल प्रदान करने के तरीके में बदलाव की आवश्यकता होती है। परिषद कामगारों के लिए कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के पाठ्यक्रम को मानकीकृत करने पर काम कर रहा है ताकि उन्हें ग्रीन जॉब्स के लिए तैयार किया जा सके।
पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पीईडीए) के कार्यकारी निदेशक बलौर सिंह ने कहा कि सरकार प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखने के लिए ग्रीन ऊर्जा के अधिकतम उपयोग के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है। इसे बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित लोगों की जरूरत है। इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के सह अध्यक्ष तथा जीएलएम इंफ्राटैेक प्राईवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अभिमन्यु देसवाल ने कहा कि वर्तमान में बहुत बड़े स्तर पर हो रहे निर्माण कार्यों के चलते रियल एस्टेट को चाहिए कि वे ग्रीन बिल्डिंग की अवधारणा को अपनाएं। ग्रीन इकोनमी के साथ ही ग्रीन जॉब्स होंगी।