ऑय 1 न्यूज़ ब्यूरो रिपोट लुधियाना/चंडीगढ़, 5 जुलाई देश की एकता और आखंडता को बनाई रखने के लिए आज समय की जरूरत है कि देश के आजादी संग्राम में बहुमूल्य योगदान डाल कर पहले सिक्ख शहीद का रुतबा हासिल करन वाले भाई महाराज सिंह जी की तरफ से दिखाऐ रास्ते पर चला जाये। इनें विचारों का प्रगटावा पंजाब सरकार में जंगलात, प्रिंटिंग, स्टेशनरी, अनुसूचित जातियां और पिछड़ीं श्रेणियां संबंधी विभागों के कैबिनेट मंत्री स. साधु सिंह धर्मसोत ने आज गाँव रब्बों ऊँची में बाबा महाराज सिंह जी के वें शहादी दिवस सम्बन्धित करवाये गए राज्य स्तरीय समागम को संबोधन करते हुये किया।
उन्होंने कहा कि आजादी प्राप्त करना आसान है परन्तु इसको बरकरार रखना बहुत कठिन है। बाबा महाराज सिंह जैसी देश भक्त शखशियतों ने देश को आजाद कराने के लिए संघर्ष किया और अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। आज जरूरत है कि देश निवासी इस आजादी को बरकरार रखने के लिए उनकी तरफ से दिखाए रास्ते पर चलें।
उन्होंने कहा कि समय-समय की सरकारों के पि_ू लेखकों ने देश के आजादी संघर्ष की शुरुआत 1857 के विद्रोह को साबित करने की कोशिश की है परंतु इतिहास गवाह है कि देश की आजादी के लिए संघर्ष बाबा महाराज सिंह ने उस समय ही शुरू कर दिया था, जब उन्होंने सिख साम्राज्य के आखिरी शासक महाराजा दलीप सिंह को अंग्रेज हकूमत की गिरफ्त में से छुड़ाने के लिए संघर्ष शुरु कर दिया था। यह सिख कौम और देश की बदकिस्मती ही थी कि बाबा महाराज सिंह की तरफ से अपने साथियों के साथ मिल कर बनाई गई योजना का अंग्रेज हकूमत को पता लग गया और उन्होंने बाबा महाराज सिंह जी को कैद करके सिंगापुर भेज दिया और अनेकों कष्ट दिए, जिसके नतीजे के तौर पर उनकों 5जुलाई, 1856 को वहां ही शहादत हो गई। बाबा महाराज सिंह ने अपने जीवन दौरान अंग्रेजों विरुद्ध अलग-अलग धड़े को इक_े करने पर बहुत जोर लगाया।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के गौरवमयी इतिहास को संभालने के लिए दृढ़ संकल्प है और इसलिए ही बाबा महाराज सिंह जी का बुत गाँव रब्बों ऊँची में स्थापित किया जायेगा जिससे सिख इतिहास के जांबाज हीरे की याद को ताजा रखा जा सके और आज के लोग उनके संघर्षमय जीवन से सीख ले सकें। उन्होंने गाँव बाबरपुर से गुरुद्वारा दमदमा साहब (गाँव रब्बों ऊँची) तक सडक़ का नाम बाबा महाराज सिंह के नाम पर रखने और मुख्य मंत्री पंजाब के ऐच्छिक कोटे में से गाँव रब्बों ऊँची के विकास के लिए 5 लाख रुपये अनुदान देने का भी ऐलान किया। इसके इलावा हलके की और जरूरतों पूरी करने के लिए भी पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ बात करने का भरोसा दिया। उन्होंने बाबा महाराज सिंह जी की तस्वीर पर फूल अर्पित करके श्रद्धाँजलि भेंट की।
पत्रकारों के साथ बातचीत करते स. धर्मसोत ने कहा कि जंगलात विभाग द्वारा राज्य में जंगलात अधीन क्षेत्र बढ़ाने के लिए लगातार यत्न जारी हैं, जिस के अंतर्गत कोशिश की जा रही है कि सडक़ों के इधर-उधर खाली पड़ी जगह को एक्वायर करके वहां पौधे लगा कर सम्बन्धित पंचायतों और स्कूलों के सुपुर्द किये जाएँ जिससे उनकी बाकायदा संभाल की जा सके। उन्होंने पंचायतों और गैर सरकारी संस्थायों को सहयोग की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग की तरफ से पहल कदमी करते हुये उन खाली स्थानों की पहचान की जा रही है, जहाँ पौधे लगा कर जंगल विकसित किये जा सकें। उन्होंने पंजाब सरकार की तरफ से किये जा रहे लोकहित कामों का भी विवरण पेश किया।
समागम को संबोधन करते हुये हल्का पायल के विधायक स. लखबीर सिंह लक्खा ने गाँव रब्बों ऊँची और इलाको की माँगों से अवगत् करवाया और माँग की कि हलके विकास के लिए इन माँगों को पहल के आधार पर पूरा किया जाये। इस मौके अलग -अलग रागी, ढाडी और काव्य पाठ जत्थों की तरफ से धार्मिक प्रोग्राम पेश किया गया। समागम में अन्यों के इलावा समराला के विधायक स. अमरीक सिंह ढिल्लों, खन्ना के विधायक स. गुरकीरत सिंह कोटली, पूर्व मंत्री स. तेज प्रकाश सिंह कोटली और स. मलकियत सिंह दाखा, बाबा जगजीत सिंह हरखोवाल और अन्यों ने भी संबोधन किया।
इस मौके अन्यों के इलावा डिप्टी कमिशनर श्री प्रदीप कुमार अग्रवाल, अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर खन्ना श्री अजय सूद, एस. डी. एम. पायल स. परमजीत सिंह, कांग्रेस पार्टी के जिला प्रधान स. गुरदेव सिंह लांपरां, श्री के. के. बावा, जनरल सचिव स. अमरजीत सिंह टीका, गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रधान स. कर्म सिंह, स. प्यारा सिंह, स. दर्शन सिंह, स. इन्द्र सिंह, स. बहादर सिंह, स. पाल सिंह, सरपंच स. कोर सिंह के इलावा बड़ी संख्या में संगत उपस्थित थी।