कृषि के नाम पर कई प्रमुख लोग छिपा रहे आयकर योग्य आमदनी
खेती से कमाई की आड़ में छिपाई गई 2000 लाख करोड़
देश में खेती-बाड़ी की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता। लिहाजा देश के कई जाने-माने लोग अपनी करोड़ों की आय को कृषि आय के तौर पर दिखा कर टैक्स चोरी कर रहे हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को संसद में इसका खुलासा करते हुए कहा टैक्स से बचने के लिए अपनी आय को खेती से हुई कमाई दिखाने वाले नामचीन लोगों के खिलाफ जांच चल रही है और अगर इसमें विपक्ष के किसी सदस्य का नाम आए तो इसे राजनीतिक दुश्मनी निकालने की कवायद न समझा जाए।
राज्यसभा में सपा, बसपा और जनता दल यूनाइटेड समेत पूरे विपक्ष ने कृषि से होने वाली आय की आड़ में टैक्स चोरी से संबंधित रिपोर्टों का मामला उठाया। इन दलों के सदस्यों ने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। इस पर जेटली ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति आयकर अधिनियम के प्रावधानों का गलत इस्तेमाल करता है तो आयकर विभाग इसकी जांच करेगा।
खेती से कमाई की आड़ में छिपाई गई 2000 लाख करोड़
मायावती जेटली ने कहा, ‘कई गणमान्य लोग’ इस मामले में शामिल बताए जा रहे हैं और उनकी जांच की जा रही है। हालांकि, विपक्ष के सदस्यों ने जब ऐसे लोगों के नाम बताने की मांग की तो जेटली ने कोई जानकारी नहीं दी।
कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने जेटली पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह ऐसे लोगों के नाम बताएं और ‘धमकी न दें।’ हालांकि जेटली ने कहा कि देश में कृषि की स्थिति को देखते हुए सरकार के समक्ष खेती से होने वाली कमाई पर आयकर लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं आया है।
बसपा प्रमुख मायावती ने कृषि से आमदनी के नाम पर पैदा किए जा रहे काले धन के मामले में उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी है। वहीं जदयू के शरद यादव ने रिपोर्ट के हवाले से इस मुद्दे पर कहा कि 2000 लाख करोड़ रुपये की कमाई खेती से होने वाली आय के रूप में छिपाई गई है। उन्होंने सरकार से इस मामले पर स्पष्टीकरण की मांग की। सपा के राम गोपाल यादव को खेती की कमाई की आड़ में भारी मात्रा में छिपाई गए काले धन की रिपोर्ट में कृषि आय पर कर लगाने की साजिश नजर आई। उन्होंने सरकार को खेती से होने वाली आय पर कर लगाने के खिलाफ चेतावनी दी।
दिल्ली में सबसे ज्यादा हैं ऐसे लोग धन दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बंगलूरू जैसे महानगरों में ऐसे सबसे ज्यादा करोड़पति रहते हैं जिन्होंने पिछले नौ एसेसमेंट वर्षों के दौरान आयकर विभाग के सामने खेती से होने वाली आय एक करोड़ रुपये से अधिक घोषित की है।
हाल ही में निर्देश मिलने के बाद अब आयकर विभाग ऐसे चुनिंदा मामलों में कर चोरी की जांच कर रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एसेसमेंट वर्ष 2008-09 से 2015-16 के बीच बंगलूरू क्षेत्र के 321 करदाताओं ने खेती से होने वाली आय एक करोड़ रुपये से अधिक घोषित की जबकि दिल्ली में ऐसे करदाताओं की संख्या 275, कोलकाता में 239, मुंबई में 212, पुणे में 192, चेन्नई में 181, हैदराबाद में 162, तिरुवनंतपुरम में 157 और कोच्चि में 109 रही है।